दिल और दिमाग से
गुरुवार, अगस्त 16, 2007
मेरे अन्दर का कवि
मेरे अन्दर का कवि फिर से जाग गया है (>:) और कुछ ही देर मे दो 'शानदार' poems लिख चूका है।
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