प्र(कोई भी संयुक्ताक्षर) दो मात्रा के तुल्य गिना जाता है।चींटी से सीखो सदा, लाख तके की बात।मंजिल पाने के लिये, लगे रहो दिन रात।।
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प्र(कोई भी संयुक्ताक्षर) दो मात्रा के तुल्य गिना जाता है।
चींटी से सीखो सदा, लाख तके की बात।
मंजिल पाने के लिये, लगे रहो दिन रात।।
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