गुरुवार, अक्तूबर 12, 2006

दोहावली क्र॰ ५

देखो साधौ सारा जगत, भागत उसके पीछे।
जो नही भागत पीछे, वही तो साधौ होये।।

साधौ=साधु??? m i right

4 टिप्‍पणियां:

बेनामी ने कहा…

भैय्ये

अब अगर इसे दोहा कहोगे तो भाषा और छ्म्ड की व्याकरण तो गई तेल लेने

Shubham Lahoti शुभम् लाहोटी ने कहा…

अब मैं क्या बोलूँ....

अनुनाद सिंह ने कहा…

किसी भी छन्द के लिये मात्रा की गिनती:

१. आधे अक्षर, पूरे अक्षर, छोटी मात्रा (हर्स्व स्वर) लगे हुए अक्षर -- मात्रा = १

उदाहरण: क, कि, कु, आदि।

क्वार में १+२+१=४ मात्रायें हैं

विद्या में १+१+२=४ मात्राएं हैं।

२) दीर्घ मात्रायुक्त वर्णों की मात्रा २ गिनी जाती है।

माता = २+२
कविता= १+१+२
न्याय = १+२+१

Pratik Pandey ने कहा…

शुभम् जी, बहुत दिनों से आपके ज़ोरदार दोहे पढ़ने को नहीं मिले। कहाँ ग़ायब हैं आजकल?