चुंकि मुझे हिंदी से उतना ही प्रेम है, जितना अधिकांश भारतियों को फिरंगीयों से; तो मैने सोचा क्यों नहीं कुछ ऐसा काम करा जाये जिसे करके कुछ आत्म संतुष्टि मिले, जिसे करके लगे कि मैं अपना जीवन व्यर्थ नहीं कर रहा। परिणाम स्वरूप मेरा हिंदी चिट्ठा आपके सम्मुख है। (मुझे पहले कभी यह एहसास नहीं हुआ था कि हिंदी लिखना इतना कठिन होगा.....उफफ।)
इन चिट्ठों के द्वारा में जनता को अपनी दिनचर्या के बारे में तो कतई नहीं बताने वाला; हाँ, लेकिन अगर कभी किसी विशेष प्रसंग/ वाक्ये पर लिखने के लिये मुझे पर्याप्त सामान (matter) मिल गया तो मैं शायद कुछ लिख दूँ।
अंत में मैं सिर्फ इतना ही कहना चाहता हूँ कि अगर गलती से आप इस स्थान पर पहुँच गये हैं तो
१) टिप्पणी ज़रूर लिखें
२) अगर आप मेरी त्रुतियाँ सुधार सकें तो मैं आपका तहे दिल से आभारी रहुँगा
३) जहाँ मैंने अंग्रेज़ी शब्दों का प्रयोग किया है, वहाँ उपयुक्त हिंदी शब्द सुझा दें
४) कृप्या अगर आप मेरे द्वारा लिखी गयीं चिट्ठों/ लेखों(!!) का विवेचनात्मक पुनरवलोकन कर सकें तो मैं 'फिर से' आपका तहे दिल से आभारी रहुँगा
५) आप हिंदी लिखने के लिये किस (software) का उपयोग करते हैं?? SCUni Pad उतना user-friendly नहीं है
यह पुरा चिट्ठा लिखने के लिये मैं कितनी बार शब्दकोष.कोम (shbdkosh.com) पर गया हूँ, यह मैं ही जानता हूँ!!!!!
10 टिप्पणियां:
हिन्दी चिट्ठे जगत पर स्वागत है। इतना भी कठिन नहीं है हिन्दी में लिखना। सर्बज्ञ
हिन्दी चिट्ठे जगत पर स्वागत है। इतना भी कठिन नहीं है हिन्दी में लिखना। सर्वज्ञ पर जा कर देखें आपको हिन्दी लिखने में सारी सहायता मिल जायगी।
टिप्पणी कहां कि जगह उस जगह कुछ गलत लिख कर आ रहा है ठीक कर लें।
आपका स्वागत हैं. गलतियाँ ठीक करने के लिए हम विनय भाई पर आश्रीत हैं, वे आपके चिट्ठे पर आते ही होंगे.
शुभम..स्वागत है..
वैसे कोटा से होने के नाते तुम हमारे पडोसी होते हो...
:)
मनोहरथाना, झालावाड...
हिन्दी चिट्टा जगत में आपका स्वागत है.
आप लिखते रहिए, देखते ही देखते आप हिन्दी लिखने में महारत हासिल कर लेंगे. सिर्फ महीने-दो महीने का सवाल है.
आग्रह है, कि टीका-टिप्पणियों की परवाह किए बगैर नियमित लिखते रहें.
सही फ़रमाया लाहोटी जी...
कुछ न कुछ है तो जरूर
:)
स्वागत है हिन्दी चिट्ठाजगत में.
आपका स्वागत है।
अरे। आप तो इतना अच्छा लिखते हो, जो दिक्कत है वह भी निरन्तर बने रहने से ठीक हो जायेगी।
बस बने रहिये। बाकी हम सब है न
हिन्दी आपको पता ह इस लेखक कौन है।समाचार किसे कहते है। ललित गुप्
एक टिप्पणी भेजें